सर्दियों में जानलेवा न बन जाए ब्रेन स्ट्रोक
सर्दियों में जानलेवा न बन जाए ब्रेन स्ट्रोक
पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और बारिश ने ठंड बहुत बढ़ा दी है जिसके वजह से लोगों को रोजमर्रा के कामकाज में तो दिक्कत आ ही रही है साथ ही उनकी सेहत भी प्रभावित हो रही है। कड़ाके की ठंड से अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट के मरीजों की संख्या में एकाएक इजाफा होने लगा है। मतलब ठंड दिल और दिमाग दोनों पर हावी हो रहा है। ऐसे में ब्लड प्रेशर, हार्ट और डायबिटीज के मरीजों को खासतौर से सर्तकता बरतने की जरूरत है। आइए जानते हैं इस बारे में और किस तरह की सावधानियां काम आएंगी।
ब्रेन स्ट्रोक को पहचानना है जरूरी
- हाथ- पैर में अचानक कमजोरी आना
- चेहरे में एक तरफ टेढ़ापन आना, जबान लड़खड़ाना
- सिर में तेज दर्द के साथ पसीना आना, बेहोश आना
लक्षण नजर आएं तो क्या करें
- ब्रेन स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तत्काल अस्पताल पहुंचें।
- उन अस्पतालों को चिन्हित करें जहां एंडियोग्राफी और सीटी स्कैन की सुविधा हो।
- ब्रेन स्ट्रोक के पेशेंट के लिए गोल्डन ऑवर्स शुरुआती 4 घंटे तो हार्ट पेशेंट के लिए शुरुआती एक घंटा सबसे अहम होता है।
सर्दी के वक्त किन बातों का रखें ध्यान
- ब्लड प्रेशर और हाई डायबिटीज के पेशेंट विशेष सावधानी बरतें। अपने फिजीशियन से दवाओं की डोज सेट कराएं।
- सुबह के वक्त अचनाक बेड से उठकर बाहर की ओर न जाएं। थोड़ी देर बॉडी की माहौल के हिसाब से ढलने दें।
- गुनगुना पानी पिएं। ऐसे ही पानी से नहाएं भी।
- बहुत सुबह मॉर्निंग वॉक पर न निकलें। हल्की धूप निकलने पर जाएं।
- बुजुर्ग गर्म कपड़े ज्यादा देर के लिए न उतारें।
- दो पहियावाहन सवार हैं तो हेलमेट जरूर पहनें।
- हवा से बचने के इंतजाम रखें।
इन सभी बातों का खास ख्याल रखकर काफी हद तक ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को टाला जा सकता है। तो इन सभी चीज़ों का जरूर पालन करें।